Friday, June 14, 2019

Bahujan Ekta Mission




      बहुजन एकता मिशन भारत के प्रत्येक नागरिक को डॉ अंबेडकर द्वारा दिखाए गए मार्ग और संविधान में दिए गए अधिकारों व दायित्वों को समझाने के लिए है।

     बहुजन एकता मिशन किसी भी जाति, धर्म व लिंग-भेदभाव में विश्वास नहीं करता है, यह सभी को समान विश्वास के साथ जोड़ने का काम करेगा।  मिशन में मुख्य भूमिका सामाजिक, आर्थिक ज्ञान के साथ-साथ राजनीतिक ज्ञान व आत्म-सम्मान की सदैव अग्रसर रहेगा 

     "अंबेडकरवादी मिशन" जिस पर हम चल रहे हैं कार्य कर रहे हैं वह कठिनाइयों से भरा पहाड़ जैसा है, लेकिन हमें विश्वास है कि हम निश्चित रूप से सभी का विश्वास लेकर इस मिशन में सफल होंगे।

     बहुजन एकता मिशन के पांच मुख्य बिंदु हैं  - शिक्षा, चिकित्सा, महिला-सशक्तीकरण, समानता और बहुजन-एकता हैं। यह पाँच अहम बिंदु भारत के शोषित, गरीब, वंचित, पिछड़े समाज को अंधकारमयी वातावरण से प्रकाशमय बनाने में मददगार होंगा ।

शिक्षा
     "शिक्षा ऐसे बंद दरवाजे की चाबी है जिसके खुलने पर सभी समस्याओं का समाधान संभव है"।

 "शिक्षा वह शेरनी का दूध है जिसे जो पियेगा वही दहाड़ेगा"।

"शिक्षा उस पुलिंदे के समान है जिसका वजन जो उठा लेता है वह दूर तक जाता है"।

शिक्षित होना और समझदार होना दोनों में बहुत अंतर है, जरूरी नहीं कि जो समझदार है वह शिक्षित हो और जो शिक्षित है जरूरी नहीं कि वह समझदार भी हो । शिक्षा का अपना महत्व है और समझदारी का अपना,

"शिक्षा और समझदारी का समावेश हर समस्या का समाधान है"।

चिकित्सा
      स्वास्थ्य ही जीवन का अनमोल रत्न है जो दीर्घायु तक ले जाता है । स्वस्थ रहना सबसे बड़ा सुख है। कोई व्यक्ति तभी अपने जीवन का आनन्द व उद्देश्य पूरा कर सकता है, जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहे। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी शारीरिक स्वास्थ्य अनिवार्य है।

 आज के परिवेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा बहुत महत्वपूर्ण है, शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखना वर्तमान ( प्रदुषित ) पर्यावरण में बिना चिकित्सा के असंभव है चिकित्सा सुविधा बहुत अहम है।

नारी-शक्ति
       नारी सशक्तिकरण, भारत देश पुरुष प्रधान देश रहा है जिसके चलते महिलाओं  व उनके अधिकारों को हमेशा से सीमित रखा गया, प्रतांडित किया गया व उनके अधिकारों का हनन किया गया। समय-समय पर कई महापुरुषों द्वारा आवाज उठाई गई, लेकिन समाज में जो स्थान महिलाओं का होना चाहिए था वो उन्हें नहीं मिल पाया। 

     जबसे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं के हितों व अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है उनको हर क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित कराई , और अनेकों अधिकार दिलाए तब से महिला सशक्तिकरण उबर के आया और वर्तमान में यह मांग है कि हर क्षेत्र में चाहे वह शिक्षा का हो, विज्ञानिक व वाणिज्य या देश की सैना हो, महिलाएं कुछ हिस्सेदारी में हैं यह सिर्फ और सिर्फ डॉ भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों की वजह से हुआ बहुजन एकता मिशन बाबा साहब के मिशन पर चलकर ही महिला सशक्तिकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है और वह सदैव महिला सशक्तिकरण के लिए समय समय पर उचित आवाज उठाता रहेगा ।

समानता
     सामाजिक समानता मामलों की एक स्थिति है जिसमें एक विशिष्ट समाज या पृथक समूह के सभी लोगों को कुछ मामलों में समान दर्जा प्राप्त है, जिनमें नागरिक अधिकार, बोलने की स्वतंत्रता, संपत्ति के अधिकार और कुछ सामाजिक वस्तुओं और सेवाओं तक समान पहुंच शामिल है।

      बहुजन एकता मिशन भारत के प्रत्येक नागरिक को डॉ। अंबेडकर द्वारा दिखाए गए मार्ग और संविधान में दिए गए अधिकारों और दायित्वों को समझाने के लिए है।

      बहुजन एकता मिशन किसी भी जाति, धर्म या लिंग-भेद में विश्वास नहीं करता है, यह सभी को समान विश्वास के साथ जोड़ने का काम करेगा।  मिशन में मुख्य भूमिका हमेशा सामाजिक, आर्थिक ज्ञान के साथ-साथ राजनीतिक ज्ञान और आत्म-सम्मान पर होगी।

बहुजन एकता
      एकता का अर्थ है साथ रहना।  इसका अर्थ है विपरीत परिस्थितियों में एक-दूसरे की मदद करना और उनका समर्थन करना।  एकजुट रहना मजबूत रिश्तों और मजबूत समाज के निर्माण की कुंजी है।  एकता के महत्व पर जोर देने के लिए कई कहावतें लिखी गई हैं।  मानव जाति शांति और सद्भाव में तभी रह सकती है जब उसकी एकता बनी रहे।  बहुजन एकता मिशन लगातार इस पथ पर चल रहा है, और हमेशा के लिए चलेगा

"एक कदम व्यवस्था परिवर्तन की ओर" ✍️

शिक्षा, चिकित्सा, नारी-शक्ति, समानता, रोज़गार व
बहुजन-एकता हमारा एकमात्र लक्ष्य।

#बहुजन_एकता_मिशन
💐जय भीम जय समाजवाद जय संविधान💐


     ✍️
सोमवीर सिंह